5.पोस्टपार्टम डिप्रेशन – प्रसव के बाद महिलाओं में
राहुल को मेजर डिप्रेशन हुआ था — जिसमें व्यक्ति को हर चीज में निराशा और खालीपन महसूस होता है।
डिप्रेशन के लक्षण
राहुल के केस में ये लक्षण देखने को मिले:
1. लगातार उदासी और खालीपन
हर सुबह उठने का मन न करना, कुछ भी अच्छा न लगना।
2. नींद की समस्या
या तो बहुत ज्यादा सोना या बिल्कुल भी नींद न आना।
3. भूख में बदलाव
कभी भूख बिल्कुल खत्म हो जाना, कभी ज़रूरत से ज़्यादा खाना।
4. ऊर्जा की कमी और थकावट
हर काम में आलस्य और थकान।
5. दूसरों से दूरी बनाना
दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से दूर हो जाना।
6. नकारात्मक विचार
“मैं किसी लायक नहीं हूं”, “मुझे जीने का हक नहीं”, “सबकुछ खत्म कर देना चाहिए” जैसी बातें सोचना।
7. आत्महत्या की सोच
डिप्रेशन का सबसे खतरनाक पहलू।
अगर ये लक्षण 2 हफ्ते से ज्यादा बने रहें, तो इसे सामान्य उदासी नहीं, डिप्रेशन माना जाता है।
डिप्रेशन के कारण
1. जैविक कारण (Biological Causes)
मस्तिष्क के केमिकल्स में असंतुलन।
2. मानसिक कारण (Psychological)
बचपन की ट्रॉमा, कम आत्म-सम्मान।
3. सामाजिक कारण (Social)
ब्रेकअप, नौकरी छूटना, अकेलापन, वित्तीय समस्या।
4. अनुवांशिकता (Genetics)
अगर परिवार में किसी को रहा हो तो संभावना अधिक होती है।
5. दवाओं या शराब का सेवन
लंबे समय तक शराब, ड्रग्स या कुछ दवाएं भी डिप्रेशन का कारण बनती हैं।
राहुल के मामले में वर्कप्रेशर, अकेलापन और थकान मुख्य कारण थे।
डिप्रेशन का इलाज
1. मनोचिकित्सा (Psychotherapy / Talk Therapy)
एक प्रशिक्षित थैरेपिस्ट से बात करना, जिसे CBT (Cognitive Behavioral Therapy) कहा जाता है।
राहुल ने थैरेपी शुरू की और वहां अपने दिल की बात बिना जजमेंट के रखी।
2. औषधि चिकित्सा (Medications)
डॉक्टर द्वारा दी गई एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं मस्तिष्क में सेरोटोनिन बढ़ाकर मूड को नियंत्रित करती हैं।
राहुल को भी कुछ महीनों तक दवा लेनी पड़ी।
3. योग और ध्यान
हर दिन 15 मिनट ध्यान और प्राणायाम से मानसिक संतुलन बढ़ता है।
राहुल ने ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल किया।
4. स्वस्थ जीवनशैली
सही भोजन, व्यायाम, और नींद से डिप्रेशन में काफी मदद मिलती है।
5. समर्थन नेटवर्क
परिवार, दोस्त और समाज का साथ मिलना बहुत जरूरी है।
आप कैसे मदद कर सकते हैं?
उनकी बात सुनिए — बिना राय दिए।
जज न करें — यह उनकी गलती नहीं है।
AASRA: 91-22-27546669 / 27546667
डिप्रेशन से उबरना संभव है
राहुल अब हर सुबह 6 बजे उठता है, पार्क में दौड़ता है, योग करता है और नई नौकरी में खुश है। उसने डिप्रेशन से हार नहीं मानी — क्योंकि उसने समय रहते मदद ली।
डिप्रेशन कोई कमजोरी नहीं है, यह एक इलाज योग्य बीमारी है।
डिप्रेशन एक आम लेकिन गंभीर मानसिक स्थिति है।
लक्षणों की पहचान करके समय रहते इलाज बहुत जरूरी है।