क्या आप डिप्रेशन में हैं? पहचानिए इन 10 संकेतों से


 

मुस्कुराता चेहरा, लेकिन अंदर तूफान

पुणे की रहने वाली नेहा (29 वर्ष) एक स्कूल टीचर है। हर दिन वह बच्चों के सामने मुस्कुराती है, क्लास लेती है, घर आती है, खाना बनाती है... लेकिन कोई नहीं जानता कि उसकी मुस्कान के पीछे क्या छुपा है।

रात को बिस्तर पर जाते ही नेहा का दिल भारी हो जाता है। अचानक आंखों से आंसू निकल आते हैं — बिना किसी खास वजह के। उसे खुद पर शक होने लगा है, “क्या मैं ठीक हूं?”

ये कहानी सिर्फ नेहा की नहीं, लाखों लोगों की है जो हर दिन डिप्रेशन से लड़ रहे हैं — बिना समझे कि वो डिप्रेशन है

इस लेख में हम जानेंगे कि डिप्रेशन के कौन से 10 संकेत होते हैं जिन्हें समय रहते पहचानना जरूरी है।

डिप्रेशन क्या है?

डिप्रेशन यानी अवसाद एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक उदासी, निराशा, जीवन के प्रति अरुचि और आत्मविश्वास की कमी महसूस करता है। यह सिर्फ “मन खराब होना” या “थोड़ी उदासी” नहीं होती, बल्कि यह एक दीर्घकालिक और गंभीर समस्या है जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है।

क्या आप डिप्रेशन में हैं? जानिए ये 10 प्रमुख संकेत


1. लगातार उदासी या खालीपन का अनुभव

"हर दिन लगता है जैसे कुछ खो गया हो… लेकिन क्या? ये खुद भी नहीं जानते।"

डिप्रेशन में व्यक्ति निरंतर दुखी या खाली महसूस करता है — भले ही बाहर से सबकुछ ठीक हो। जैसे कि नेहा को सुबह उठना भी बोझ लगने लगा था।

✔️ कैसे पहचानें:

हर सुबह एक भारीपन महसूस होना

बेवजह रोना या मन भारी रहना

कोई खुशी, मजाक, या तारीफ भी मन को खुश न कर सके


2. रुचियों में कमी (Loss of Interest)

"जो चीज़ें कभी खुशी देती थीं, अब उनमें कोई मज़ा नहीं।"

नेहा को पहले किताबें पढ़ना पसंद था, लेकिन अब वह किताबें देखने से भी कतराती है। यह डिप्रेशन का स्पष्ट संकेत है।

✔️ कैसे पहचानें:

हॉबीज़ या शौक में दिलचस्पी खत्म हो जाना

दोस्तों या परिवार के साथ वक्त बिताने में रुचि न होना

सेक्स ड्राइव या रोमांटिक भावना में कमी


3. थकावट और ऊर्जा की कमी

"कुछ नहीं किया, फिर भी लगता है जैसे पहाड़ चढ़कर आए हों।"

डिप्रेशन में शरीर और मन दोनों थका हुआ महसूस करते हैं। नेहा को अब एक ग्लास पानी भी भरने में थकान महसूस होती है।

✔️ कैसे पहचानें:

सामान्य काम करने में भी आलस लगना

हमेशा सुस्त और कमजोर महसूस करना

दिनभर सोने का मन होना


4. नींद की समस्या (Insomnia या Oversleeping)

"नींद आती है, पर सुकून नहीं आता।"

डिप्रेशन में या तो नींद नहीं आती, या फिर बहुत ज्यादा आती है। नेहा को रात को करवटें बदलते रहना आम बात हो गई थी।

✔️ कैसे पहचानें:

रात को जल्दी सोने पर भी बार-बार जागना

सुबह बहुत देर तक सोना, फिर भी थका महसूस करना

दिन में भी नींद आना, काम में मन न लगना


5. भूख और वजन में बदलाव

"कभी भूख लगती ही नहीं, कभी बिना भूख के खाते रहते हैं।"

डिप्रेशन सीधे आपकी भूख को भी प्रभावित करता है। कुछ लोग खाना छोड़ देते हैं, कुछ ज़रूरत से ज़्यादा खाते हैं।

✔️ कैसे पहचानें:

वजन अचानक बढ़ना या घट जाना

खाने का स्वाद न लगना या जरूरत से ज्यादा भूख लगना


6. आत्मग्लानि और खुद को दोषी मानना

"सब मेरी ही गलती है। मैं किसी लायक नहीं हूं।"

नेहा ने खुद से नफरत करना शुरू कर दिया था। उसे लगता था कि वह हर बात में असफल हो रही है।

✔️ कैसे पहचानें:

खुद को हर बात के लिए दोष देना

“मैं किसी काम का नहीं हूं” जैसे विचार आना

पुराने फैसलों को लेकर पछताना


7. एकाग्रता में कमी और निर्णय लेने में कठिनाई

"मन पढ़ाई या काम में नहीं लगता। सोचना भी मुश्किल लगता है।"

नेहा स्कूल में क्लास पढ़ाते समय भूलने लगी थी कि उसने पहले क्या समझाया था।

✔️ कैसे पहचानें:

बार-बार ध्यान भटकना

छोटी बातें भूल जाना

फैसला लेने में डर या घबराहट


8. सामाजिक दूरी (Social Withdrawal)

"फोन की घंटी बजती है, पर उठाने का मन नहीं करता।"

डिप्रेशन व्यक्ति को धीरे-धीरे सबसे काट देता है — दोस्त, रिश्तेदार, समाज।

✔️ कैसे पहचानें:

कॉल, मैसेज या सोशल मीडिया से दूरी बनाना

पार्टी, मीटिंग या रिश्तेदारी में जाने से बचना

अकेले रहना पसंद आना


9. नकारात्मक सोच और जीवन में निराशा

"कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता। सब खत्म हो गया।"

नेहा को लगता था कि उसका भविष्य खत्म हो गया है, और उसे अब कुछ नहीं बदल सकता।

✔️ कैसे पहचानें:

भविष्य को लेकर हमेशा डर या निराशा

खुद के बारे में नकारात्मक बातें सोचना

"कुछ भी बदल नहीं सकता" जैसी सोच


10. आत्महत्या के विचार या प्रयास

⚠️ यह सबसे गंभीर संकेत है। इसे कभी नज़रअंदाज न करें।

नेहा के मन में कई बार आया कि वह सबकुछ खत्म कर दे। यही समय था जब उसके एक दोस्त ने उसे थैरेपी के लिए प्रेरित किया।

✔️ कैसे पहचानें:

“काश मैं मर जाती” जैसी बातें मन में आना

आत्महत्या के तरीकों की जानकारी ढूंढना

खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश


डिप्रेशन के संकेत दिखें तो क्या करें?

खुद को दोषी न मानें – यह एक मानसिक बीमारी है, आपकी कमजोरी नहीं।

थैरेपी लें – किसी मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से मिलें।

बात करें – किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार या हेल्पलाइन से बात करें।

योग, ध्यान और रूटीन अपनाएं

ज़रूरत हो तो दवा लें – डॉक्टर की सलाह से।


महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर

AASRA: 91-22-27546669

iCall (TISS): +91 9152987821

Vandrevala Foundation: 1860 266 2345 / 9999 666 555


पहचान ही पहला इलाज है

नेहा ने थैरेपी शुरू की, अपनी जिंदगी को दोबारा एक मौका दिया, और आज वह न केवल खुद को संभाल चुकी है बल्कि दूसरों की मदद भी कर रही है।

"अगर आप ऊपर दिए गए 3 या उससे ज्यादा संकेतों को महसूस करते हैं, तो देर न करें — मदद लेना समझदारी है।"


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