अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ जाता है और वह व्यक्ति होश में है। तो उसको गहरा स्वशन अर्थात धीरे-धीरे पूरा सांस लेना और धीरे-धीरे पूरा स्वास छोड़ना यह आपको कमर सीधी कर, बैठकर करना है। उसके तुरंत बाद चंद्रभेदी प्राणायाम 10 से 15 मिनट तक करना चाहिए ऐसा करने से आपको तुरंत लाभ होगा।
अगर आप पहले से प्राणायाम करते हैं और सांस लेने और छोड़ने का अभ्यास है, तो आपको अधिक लाभ होगा। अगर आप पहली बार चंद्रभेदी या कोई भी प्राणायम करेंगे तो गलती होने की संभावना है। इस बात का विशेष ध्यान रहे।
गहरा स्वशन
कमर सीधी कर किसी भी ध्यान के आसन में बैठ जाएं। या शवासन में लेट जाएं हथेलियां ऊपर रखें। धीरे-धीरे पूरा लंबा गहरा श्वास ले और धीरे-धीरे संपूर्ण स्वास छोड़ें। ऐसा आपको 25 से 30 बार करना है।
इसके बाद उठ कर बैठ जाएं और किसी एक ध्यान के आसन में कमर सीधी कर बैठे।
चंद्रभेदी प्राणायाम
किसी भी ध्यान के आसन में कमर सीधी कर बैठने के बाद प्राणायाम मुद्रा बनाएं।
प्राणायाम मुद्रा
अपने अंगूठे से दाएं नासिका रंद्र को बंद करें। बाएं नासिका रंद्र से धीरे-धीरे एक ही लय में संपूर्ण स्वास ले। उसके बाद लास्ट वाली दोनों उंगलियों से बाया नासिका रंद्र बंद करें और दाएं नासिका रंद्र से धीरे-धीरे एक ही लय में संपूर्ण स्वास निकाल दें। यह चंद्रभेदी प्राणायाम की एक आवृत्ति पूरी हुई।
ध्यान रहे कि संपूर्ण श्वास लें और संपूर्ण स्वास छोड़ें, स्वास में किसी भी प्रकार का व्यवधान ना आने पाए, एक ही लय में सांस लें और एक ही लय में सांस छोड़ें।
यह चंद्रभेदी प्राणायाम की एक आवर्ती पूरी हुई। ऐसी आपको 20 से 25 आवर्तीयां करनी है। ध्यान रहे आपका पेट कम से कम तीन से चार घंटा खाली हो।
सावधानियां
ब्लड प्रेशर कम होने की स्थिति में चंद्र भेदी प्राणायाम का अभ्यास कभी भी ना करें।
किसी भी प्रकार की समस्या या संकोच होने पर योग्य योग चिकित्सक की सहायता अवश्य लें।
अगर हम इसका उल्टा प्राणायाम करते हैं। दाएं नासिका रंद्र से श्वास लेकर बाय नासिक रेंद्र से स्वास छोड़ना। तो वह सूर्यभेदी प्राणायाम होगा जो ब्लड प्रेशर कम होने की स्थिति में लाभदायक है।
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